आरती श्री गणेश जी की Ganesh Ji Ki Aarti lyrics in Hindi and English. श्री गणेश जी की आरती भक्ति और आदर्शता की अद्वितीय अनुभूति को प्रकट करने वाली है। इस आरती के शब्द गणेश जी की महिमा, उनकी कृपा, और उनकी पूजा के महत्वपूर्ण पहलुओं को सुंदरता से व्यक्त करते हैं। यह आरती गणेश जी की विजय, समृद्धि, और शांति की कामना करती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अनुरोध करती है। आइए, हम इस आरती के शब्दों का आनंद लें और गणेश जी के समर्पण, प्रेम, और आशीर्वाद का आदर्शता करें।
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Ganesh Ji Ki Aarti lyrics in Hindi
आरती श्री गणेश जी की
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय० ॥
धूप चढ़े खील चढ़े और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ॥ जय० ॥
एकदन्त दयावन्त, चार भुजा धारी ।
मस्तक सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय० ॥
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया ।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय० ॥
पान चढ़ें, फूल चढ़े और चढ़ें मेवा ।
सूरश्याम शरण आये सुफल कीजे सेवा ॥ जय० ॥
दीनन की लाजराखो शम्भु-सुत वारी ।
कामना को पूरा करो जग बलिहारी ॥ जय० ॥
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Ganesh Ji Ki Aarti lyrics in English
Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva,
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva.
Dhoop chadhe, phool chadhe, aur chadhe meva,
Ladduan ka bhog lage, sant karein seva.
Ekadanta dayavanta, chaar bhuja dhari,
Mastak sindoor sohe, mooshak ki sawari.
Andhak ko aankh deta, kodhin ko kaya,
Baanhjan ko putra deta, nirdhan ko maya.
Pan chadhe, phool chadhe, aur chadhe meva,
Surashyam sharan aaye, sukhal kije seva.
Dinan ki laaj rakho, Shambhu-sut vari,
Kamna ko pura karo, jag balihari.
This Ganesh Ji Ki Aarti praises Lord Ganesh’s qualities, his role as the remover of obstacles, and seeks his blessings for happiness, prosperity, and fulfillment of desires.
Ganesh Ji Ki Aarti lyrics Meaning
Here’s the meaning of the Ganesh Ji Ki Aarti dedicated to Lord Ganesh:
Verse 1:
Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva,
Victory to Lord Ganesh, who is worshipped by all.
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva,
Goddess Parvati is his mother, and Lord Shiva is his father.
Verse 2:
Dhoop chadhe, phool chadhe, aur chadhe meva,
Incense is lit, flowers are offered, and sweets are offered.
Ladduan ka bhog lage, sant karein seva,
Devotees partake in the offering, and saints serve him.
Verse 3:
Ekadanta dayavanta, chaar bhuja dhari,
He has one tusk, he is compassionate, and has four arms.
Mastak sindoor sohe, mooshak ki sawari,
His forehead is adorned with vermilion, and his mount is a mouse.
Verse 4:
Andhak ko aankh deta, kodhin ko kaya,
He gives sight to the blind, and strength to the weak.
Baanhjan ko putra deta, nirdhan ko maya,
He blesses the childless with children, and grants wealth to the destitute.
Verse 5:
Pan chadhe, phool chadhe, aur chadhe meva,
Betel leaves are offered, flowers are offered, and sweets are offered.
Surashyam sharan aaye, sukhal kije seva,
Those who seek refuge find happiness in serving him.
Verse 6:
Dinan ki laaj rakho, Shambhu-sut vari,
He protects the honor of the meek, and is the beloved son of Shiva.
Kamna ko pura karo, jag balihari,
Fulfill our desires, O Lord, we surrender to you.
Note: This is a popular Ganesh Ji Ki aarti (devotional song) dedicated to Lord Ganesh, and the translation attempts to convey the meaning and essence of the original Hindi lyrics.
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Ganesh Ji
गणेश जी हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता हैं और उन्हें विघ्नहर्ता, विघ्नराज, विनायक, गणपति, गणेश, लंबोदर, एकदंत आदि नामों से भी जाना जाता है। उन्हें सभी के भगवान के प्रथम पूज्य पद पर स्थान माना जाता है और उनकी पूजा सभी शुभ कार्यों के प्रारंभ में अवश्य की जाती है। गणेश जी की पूजा को विघ्न नाशक माना जाता है और उन्हें बुद्धि, विद्या, संगठन क्षमता, समृद्धि, सुख, सम्पत्ति, शुभ आरोग्य और अभय देने वाले माना जाता है।
गणेश जी का दिखावा एक मुद्गल रूप में किया जाता है, जिसमें उनके चार हाथ होते हैं और सिर पर एक मुद्गल मुख होता है। वे वाहन मूषक (चूहा) पर सवार होते हैं और वो उनकी प्रतिष्ठा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Ganesh Chaturthi 2023
गणेश चतुर्थी 2023, सितंबर महीने के 19 तारिख को भारत और अन्य हिन्दू धर्म के प्रमुख देशों में मनाया जायेगा। जिसमें गणेश जी की पूजा और आराधना की जाती है। इस महोत्सव के दौरान लोग गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उन्हें फल, पुष्प, प्रसाद आदि से अर्चना करते हैं। इसे गणपति विसर्जन के साथ पूरे दस दिन तक मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी भारतीय कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी को गणेश जी के आविर्भाव के दिन के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दिन लोग गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उन्हें पूजा आराधना करते हैं। इसके अलावा, भजन-कीर्तन, रंगों की प्रस्तुति, नृत्य और उत्सवी मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग भक्ति और आनंद के साथ गणेश जी की आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गणेश चतुर्थी के पश्चात गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन किया जाता है, जिसे विसर्जन प्रक्रिया के तहत पानी में स्थानांतरित किया जाता है। इस दिन लोग गणेश जी को विदाई देते हैं और आगले वर्ष के लिए उनकी आशीर्वाद की प्रार्थना
गणेश जी की पुजा
गणेश जी को विद्यार्थियों, कला के शिल्पकारों, वाणी-वाग्मिता के कार्यकर्ताओं, बिना मुझे देखे कुछ शुरू करने वालों, नवीन कारोबारियों, यात्रा में जाने वालों, संगठनों, नगर पालिकाओं, न्यायपालिकाओं और आदि के द्वारा पूजा जाता है। उन्हें बुद्धि और संकल्प का प्रतीक माना जाता है और उनकी कृपा से सभी कार्य सर्वश्रेष्ठ तरीके से पूरा होते हैं।